रचनात्मक लेखन व्यावहारिक कार्य/3424
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यह व्यावहारिक कार्य क्रमांक 22/3424 द्वारा निर्मित किया गया है।
समाचार लेखन
[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करें]हिंदुस्तान TIMES
दिल्ली - मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का विकास
दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (डी एम आई सी )एक एम्बिशयस प्रोजेक्ट है जो भारत के आर्थिक विकास को बूस्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है ये कॉरिडोर दिल्ली के बीच मे इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर को विकास करेगा
डीएमआईसी प्रगति रिपोर्ट पूर्ण प्रोजेक्ट:
1. धोलेरा विशेष निवेश क्षेत्र (गुजरात) - 22% पूरा
2. शेंद्रा-बिडकिन औद्योगिक पार्क (महाराष्ट्र) - 50% पूरा
3. खुशखेड़ा-भिवाड़ी-नीमराना निवेश क्षेत्र (राजस्थान) - 30% पूरा
4. दादरी-नोएडा-गाज़ियाबाद निवेश क्षेत्र (उत्तर प्रदेश) - 25% पूरा
चल रही परियोजनाएँ:
1. दिल्ली-धोलेरा एक्सप्रेसवे - 60% पूरा
2. मुंबई-भिवंडी-कल्याण रेलवे कॉरिडोर - 40% पूरा
3. गुजरात-राजस्थान-महाराष्ट्र जल संचरण पाइपलाइन - 30% पूर्ण
आगामी परियोजनाएं:
1. अहमदाबाद-धोलेरा मेट्रो रेल
2. मुंबई-नागपुर सुपर एक्सप्रेसवे
3. डीएमआईसी लॉजिस्टिक्स हब
निवेश:
1. कुल निवेश: $30 बिलियन (2022 तक)
2. विदेशी निवेश: $10 बिलियन (जापान, दक्षिण कोरिया)
नौकरी सृजन:
1. अनुमानित 1.5 मिलियन नौकरियाँ सृजित (2022 तक)
2. लक्ष्य: 2025 तक 30 लाख नौकरियां
सरकारी पहल:
1. भूमि अधिग्रहण नीतियों का सरलीकरण
2. धन आवंटन में वृद्धि
3. सुव्यवस्थित नियामक प्रक्रियाएं
विशेषज्ञ उद्धरण:
1. "डीएमआईसी भारत की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देगा और लाखों नौकरियां पैदा करेगा।" -नितिन गडकरी, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री
2. "डीएमआईसी भारत के औद्योगिक परिदृश्य के लिए एक गेम-चेंजर है।" -राजीव कुमार, उपाध्यक्ष, नीति आयोग
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[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करें]हैप्पी ट्यूलिप्स
सनराइज कंपनी
“खिलते फूल, खिलते ख्वाब, सनराइज के साथ!”
विवरण: ट्यूलिप रंगीन, जीवंत और ताजा हैं। आपकी सजावट में रंग भरने के लिए एकदम सही, प्रकृति के अनुकूल हैं।
कृत्रिम ट्यूलिप फूल सजावट के लिए अद्भुत उत्पाद हैं, शानदार फिनिशिंग जो इसे लगभग प्राकृतिक बनाती है। फूल कभी टूटता या मुरझाता नहीं। वे सुंदर और सुरुचिपूर्ण बने रहते हैं। ये फूल उच्च गुणवत्ता वाले कपड़े से बने होते हैं और इनका लुक और अहसास यथार्थवादी होता है। सभी तने तार से जुड़े हुए हैं, जिससे उन्हें व्यवस्थित करना आसान हो जाता है।
उत्पाद को समय-समय पर थोड़ी सी धूल झाड़ने की आवश्यकता हो सकती है, लेकिन अन्यथा, इसे किसी विशेष देखभाल की आवश्यकता नहीं होती है और यह इसे लंबे समय तक उपयोग करने के लिए बहुत सुविधाजनक बनाता है।
शादी की सजावट, होटल लॉबी, पार्टियों के साथ-साथ अन्य समारोहों के लिए उपयोग किया जाता है; यह शादी के गुलदस्ते, पार्टी, कार्यालय सजावट, चर्च, साथ ही रिसेप्शन सेंटरपीस के लिए बहुत अच्छा है; आप इसे दीवार, दरवाजे, झूले, दर्पण और किसी भी अन्य जगह पर लटका सकते हैं जिसे आप सजाना चाहते हैं। सामग्री : पॉलिएस्टर कपड़ा, थर्मोकोल
सनराइज;- हर फूल एक कहानी है
साहित्यिक लेखन
[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करें]तुम्हारो नीरज नयन निहारू
कमल कदम में जीवन वारु
जानत हो जग की रीत सदा से
फिर भी प्रेम की आस लगावत
तुम जग के जीवन जाता हो
फिर क्यों जीवन बाधा हे
सुख संसार, प्रेम प्रेमिका,
मातृ पिता वे सह संबंधि
सब रहे तुमसे थे दुरा
जन्म पूर्व हुई मृत्यु सज्जा
मातृ पिता भये दुरि लंका
गुकुल के भए बालक स्वामी
यशोदा के मनमोहन कृष्ण
ननद के नंदलाला तुम हो
जीवन के क्षण क्षण देखो भंगा
कभी पूतना तो कभी असुरपति
सदा रहा मृत्यु मंडरावत
फिर भी रहे सदा मुस्कुरावत
तुम्हारो नीरज नयन निहारु
कमल कदम में जीवन वारु
स्नेह संसार को तुम ही बाटा
खुद से खुद की राधा छाटा
मुरली की भई तान पुरनी
जगत न समझे प्रेम तुम्हारी
राधा की तुम प्रीत पुरानी
मुरली की वो धुन पहचानी
मोरपंख धारी, पीताम्बर धारी
श्याम सुंदर से पूर्ण की रुक्मणी ने अपनी चित्रकारी
प्रेम लगन थी चारो औरा
प्रेमीका से विरह वेदना
देखि दूरि गोकुल मथुरा
प्रेम तरासने गये तुम मथुरा
वाहा बजाई कंस पर अपनी विजय डंका
धर्म स्थापना का पहला चरण था
चरम पर आना बड़ा कठिन था
तुम सुदर्शन चक्रधारी
फ़िर भी कहलये रणछोड़ बिहारी
तुम्हारो नीरज नयन निहारु
कमल कदम मे जीवन वारु
राधा रानी प्रेम पुजारण
रुक्मणी बनी प्रेम अधिकारी
सोलह सौ सौभाग्य पाये
चरित्र पर अपने दाग लागावाये
जग ना जाने प्रीत तुम्हारी
लज्जा के बने तुम अधिकारी
पीढ़ा भई ना तुमसे दुरा
फ़िर भी रहे सदैब स्मिता
रूचिर नगर रचित तिहारो
द्वारका के हो अवनीश हमारो
सेरंध्री,सुदामा के सहयोगी हो तुम
महाभारत के भये मुखय रचायिता
मानव के इस रूप मे तुमने
जाने क्या क्या देखा है
वंश का पतन देखा,बर्बरिक का मस्तक देखा
द्रौपदी का चीर हरण, अभिमन्यु का अकाल मरन
कुरुक्षेत्र की भूमि मे विश्व का विध्वंस देखा
धर्म स्थापना सरल नही था
गीता ज्ञान से प्रकाश किया
अन्धकार की माया से
उज्ज्वल ये आकाश किया
कई बलिदान के वाबजुद भी,श्राप झोली मे थे भरे
गांधारी के श्राप से मेरी द्वारका जलमगन हुई
राधिका की याद ने मेरे हृदय को चीर दीया
अपनी मुरली धुन मे भुला
गोकुल गालियो से अंजान हुआ
दो मैया होते हुए भी मातृ प्रेम से दूर हुआ
माखन चोर होते हुए भी न्यायधीश मे बन गया
सुदर्शन चक्रधारी भी अब यू हे रणछोड़ बना
तुम जगकार्ता हो अधिकारी
बलिदान की मूरत प्यारी
तुम्हारो नीरज नयन निहारू
कमल कदम मे जीवन वारु
कृष्णयी को तो चिर हरण से तुमने था बचा लिया
कलयुग की सखी तुम्हारी फ़िर क्यु हैं अपमानित हुई
क्या तुम करते भेदभाव हो
जो यू मूरत मे पूज रहे हो
मीरा भी भई प्रेम पुजारण
मुरली धुन हुई सीतार समर्पण
तुम पर किया जीवन को अर्पण
विष हुआ अमृत का दर्पण
जनम से मृत्यु का सफर तराशा
पीढ़ा समक्ष मे मुस्कान निहारा
तुम्हारी लीला भई प्रसिद्धा
गोकुल द्वारिका चारो लोका
राधा रानी बनी प्रेम पुजारण
रुक्मणी बनी प्रेम अधिकरण
मीरा भई संसार से दुरा
तुम ही जानो नटखट्ट मोरा
मे तुम्हारी भई जा रही हू
तुम्हारो नीरज नयन निहारु
कमल कदम में जीवन वारु