मैकेनिकल इंजीनियरिंग
यान्त्रिक अभियांत्रिकी (Mechanical engineering) तरह-तरह की मशीनों की बनावट, निर्माण, चालन आदि का सैद्धान्तिक और व्यावहारिक ज्ञान हैं। यान्त्रिक अभियांत्रिकी, अभियांत्रिकी की सबसे पुरानी और विस्तृत शाखाओं में से एक हैं। यान्त्रिक अभियांत्रिकी १८वीं शताब्दी में यूरोप में औद्योगिक क्रांति के दौरान एक क्षेत्र के रूप में उभरी है, लेकिन, इसका विकास दुनिया भर में कई हजार साल में हुआ हैं। १९वीं सदी में भौतिकी के क्षेत्र में विकास के एक परिणाम के रूप में यांत्रिक अभियांत्रिकी विज्ञान सामने आया।
इसके आधारभूत विषय हैं:
- स्थैतिकी और गति विज्ञान
- ठोस यांत्रिकी और पदार्थों की सामर्थ्य
- मापयंत्रण और मापन
- उष्मागतिकी,ऊष्मा का संचार,उर्जा का रूपान्तरण
- तरल यांत्रिकी और तरल गतिकी
- विनिर्माण अभियांत्रिकी
- द्रविकी और गैसयांत्रिकी
- अभियांत्रिकी अभिकल्प
- उत्पाद अभिकल्प
- पदार्थ विज्ञान
- अभियांत्रिकी आरेखण, अभिकलित्र सहायित अभिकल्प, अभिकलित्र सहायित विनिर्माण
उपविभाग
[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करें]यांत्रिक अभियांत्रिकी कई यांत्रिकी विज्ञान के विभागों के समूह के रूप में मानी जा सकती है। इनमें से कुछ उपविभाग, जो अधिकतर पूर्व स्नातक पाठ्यक्रम में पढ़ाए जाते हैं, नीचे सूचीबद्ध किये गये हैं। इनमें से कुछ केवल यांत्रिक अभियांत्रिकी से ही सम्बन्धित हैं जबकि कुछ यांत्रिक अभियांत्रिकी और अन्य विभागों के संयोजन हैं।
- यांत्रिकी
- मेकैट्रॉनिक्स एवं रोबॉटिक्स
- संरचनात्मक विश्लेषण
- उष्मागतिकी एवं ताप विज्ञान
- अभिकल्प एवं प्रारूपण
योग्यता मापदंड
[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करें]- अंडरग्रेजुएट के लिए
विद्यार्थी को सीबीएसई या कोई अन्य समकक्ष परीक्षा बोर्ड से 10+2 (इंटर) की परीक्षा उत्तीर्ण होनी चाहिए। तथा भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित बिषय बोर्ड में मुख्य रूप से होने चाहिए।
- पोस्टग्रेजुएट के लिए
विद्यार्थी के पास एरोस्पेस इंजीनियरिंग में बी.टेक या बी.ई की डिग्री होनी चाहिए, जिसमें ग्रैजुएशन स्तर पर अध्ययन किए गए विषयों में न्यूनतम उत्तीर्ण प्रतिशत होना चाहिए।
डिग्री प्रोग्राम
[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करें]मैकेनिकल इंजीनियरिंग का अध्ययन डिप्लोमा, बैचलर ऑफ टैकनोलजी (बी.टेक), मास्टर ऑफ टैकनोलजी (एम.टेक) और पीएचडी में किया जा सकता हैं। मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री करने वाले छात्रों के लिए रसायन विज्ञान, भौतिकी और गणित का क्षेत्र महत्वपूर्ण होता हैं। इसमें उनकी अच्छी पकड़ होनी चाहिए।
- भारत में डिग्री प्रोग्राम
भारत में कुछ विश्वविद्यायल के प्रोग्राम निम्नलिखित है:
ग्रैजुएशन | डिग्री | योग्यता |
---|---|---|
- | डिप्लोमा | 10 (हाईस्कूल), भौतिक रसायन और गणित बिषय के साथ। |
अंडर ग्रेजुएट | बी.टेक (B.tech) बी.ई (B.E) |
10+2 (इंटर), भौतिक रसायन और गणित बिषय के साथ। |
पोस्ट ग्रेजुएट | एम.टेक (M.tech) एम.ई (M.E) |
विश्वविद्यालय से न्यूनतम प्रतिशत के साथ पास की गई बी.टेक की डिग्री। |