22/2314
1.समाचार लेखन
[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करें]34 साल बाद, बिहार में भूमि सर्वेक्षण की घोषणा।
बिहार में 34 साल बाद 20 अगस्त 2024 से जमीन का सर्वे शुरू होने जा रहा है. इसको लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. कौन सा फॉर्म भरें, कौन से कागजात तैयार रखने हैं, सर्वे टीम को क्या दिखाना होगा, ऐसे तमाम तरह के प्रश्न हैं. ऐसे में जानिए कि जमीन सर्वे से पहले आपको कौन-कौन से कागजात तैयार रखने हैं. आवेदक को स्व घोषणा (Self Declaration) के लिए किन-किन दस्तावेजों की जरूरत है. दादा-परदादा के नाम से जो जमीन है उसे सर्वे से अपने नाम पर कराया जा सकता है. जानिए आपको क्या करना होगा. जमीन सर्वे के वक्त कौन-कौन से दस्तावेज तैयार रख लेना है अगर इसके बारे में जानें तो बताया जा रहा कि चार-पांच चीजें हैं जिनका ध्यान रखना है. आपको जमीन की रसीद (जिसके नाम से भी हो), रजिस्ट्री की कॉपी, खाता खतियान या पुरानी जो जमीन है उसका नक्शा रखना होगा.
ऑनलाइन भी कर सकते हैं आवेदन
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से इसको लेकर ऑनलाइन प्रक्रिया भी शुरू की गई है. इसके लिए वेबसाइट भी उपलब्ध है. मोबाइल के प्ले स्टोर से बिहार सर्वे ट्रैकर नाम से एप है उसको डाउनलोड कर सकते हैं और सेवा का लाभ ले सकते हैं. सर्वेक्षण की सारी सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध हैं. भूमि सर्वे के लिए आपको (आवेदक) अपनी जमीन के लिए सेल्फ डिक्लेरेशन पत्र (स्व घोषणा पत्र) देना है. स्व घोषणा एवं वंशावली को ऑनलाइन अपलोड करने की भी सुविधा है. इसके लिए एक महीने की तिथि निर्धारित की गई है. जमीन का विवरण प्रपत्र 2 में भरकर जमा करना है. ऑनलाइन के अलावा जिलों में लगे शिविर में जाकर ऑफलाइन प्रक्रिया से भी ये काम कर सकते हैं.
जमीन सर्वे की जरूरत क्यों पड़ी?
बता दें कि यह जमीन छीनने की प्रक्रिया नहीं है. कहीं कोई झोलझाल नहीं होगा. जो झोलझाल था उसको समाप्त कर दिया जाएगा. जो जमीन आपकी है आपकी बनकर रहे इसके लिए यह किया जा रहा है. इसके अलावा यह भी है कि एक तो है जो सही जमीन है वह सही व्यक्ति के पास चली जाएगी. इसके साथ ही जो जमीन विवाद का मामला आता था वह भी खत्म हो जाए.
2.विज्ञापन लेखन
[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करें]- **विज्ञापन: "सूरजगढ़ हर्बल चाय - सेहत का नया स्वाद!"**
- दृश्य 1:*
एक परिवार सुबह के समय बगीचे में बैठा है। सूरज उग रहा है। एक प्यारी-सी बच्ची भागते हुए कहती है, "माँ, चाय तैयार है?"
- दृश्य 2:*
माँ मुस्कुराते हुए एक जग में चाय डालती है। कैमरा कप में उड़ती भाप पर ज़ूम करता है। स्क्रीन पर लिखा आता है:
- "सूरजगढ़ हर्बल चाय - हर घूँट में सेहत।"**
- दृश्य 3:*
पिता कहते हैं, "ये सिर्फ चाय नहीं, हमारी सेहत का साथी है!"
- बच्ची बोलती है:* "और स्वाद भी मज़ेदार!"
- दृश्य 4:*
चाय के पत्तों और जड़ी-बूटियों को दिखाते हुए वॉइसओवर: "सूरजगढ़ हर्बल चाय - तुलसी, अदरक, और ग्रीन टी के गुणों से भरपूर। तनाव भगाए, इम्यूनिटी बढ़ाए।"
- दृश्य 5:*
पूरा परिवार मुस्कुराते हुए चाय का आनंद ले रहा है। स्क्रीन पर लिखा आता है:
- "सूरजगढ़ हर्बल चाय - प्रकृति का उपहार, आपके परिवार के लिए।"**
- स्लोगन:*
- "सेहत भी, स्वाद भी - हर सुबह सूरजगढ़ हर्बल चाय के साथ।"**
- (आखिरी फ्रेम में उत्पाद की पैकिंग दिखाई जाती है, और नीचे एक वॉइसओवर: "आज ही नज़दीकी स्टोर पर पाएँ।")*
3.कहानी लेखन
[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करें]- जीवन का आईना**
एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में रघु नाम का एक किसान रहता था। रघु मेहनती था, लेकिन उसकी आदत थी कि वह हर समय अपनी परेशानियों को लेकर शिकायत करता रहता। "मेरे पास पैसे नहीं हैं," "मेरा खेत सूख रहा है," "मेरे बच्चे पढ़ाई में अच्छे नहीं हैं" - हर दिन बस यही शिकायतें।
गाँव में एक बूढ़ा साधु भी रहता था, जो अपने सादगी भरे जीवन और बुद्धिमानी के लिए जाना जाता था। एक दिन, रघु अपनी परेशानियों का पिटारा लेकर साधु के पास पहुंचा और उनसे मदद की गुहार लगाई।
साधु मुस्कुराए और बोले, "कल सुबह सूरज निकलने से पहले मेरे पास आओ।"
अगली सुबह, रघु साधु के पास पहुँचा। साधु ने उसे एक कांच का आईना दिया और कहा, "इसे लेकर पहाड़ की चोटी तक जाओ। जब तुम वहां पहुँचोगे, तो तुम्हें इसका रहस्य समझ आएगा।"
रघु ने आईना लिया और पहाड़ की चोटी की ओर चल पड़ा। रास्ता मुश्किल था - पत्थरों से भरा हुआ, सूरज की गर्मी झेलनी पड़ी, और कई बार वह गिर भी गया। लेकिन जैसे-तैसे वह चोटी पर पहुँच गया। वहाँ पहुँचकर उसने आईने में देखा।
पहले तो उसने सिर्फ अपना थका हुआ चेहरा देखा। लेकिन फिर ध्यान से देखा, तो उसे अपनी मेहनत और संघर्ष के निशान नजर आने लगे। उसके पसीने से भीगी हुई कमीज, उसके फटे हाथ और उसकी सांसों की तेज धड़कनें - सबने उसे यह एहसास दिलाया कि उसने इस चोटी तक पहुँचने के लिए कितनी मेहनत की।
साधु भी उसके पीछे-पीछे आ पहुँचे और बोले, "अब बताओ, तुम्हें क्या दिखा?"
रघु ने कहा, "मुझे अपना प्रतिबिंब दिखा, और मेरी मेहनत की कहानी भी।"
साधु मुस्कुराए और बोले, "यही जीवन का सत्य है। यह आईना तुम्हें याद दिलाता है कि तुम्हारी समस्याएँ सिर्फ एक दृष्टिकोण हैं। अगर तुम मेहनत करोगे, तो हर कठिनाई को पार कर सकते हो। अपनी परेशानियों पर ध्यान देने के बजाय, अपने प्रयासों पर ध्यान दो। यही जीवन का आईना है।"
उस दिन के बाद रघु ने कभी शिकायत नहीं की। वह अपनी मेहनत पर विश्वास करने लगा और धीरे-धीरे उसकी जिंदगी बेहतर होती चली गई।
- सिख:**
जिंदगी एक आईने की तरह है। यह वही दिखाती है, जो आप करते हैं। अपनी मेहनत और प्रयासों को अपना सबसे बड़ा हथियार बनाएं, और सफलता आपके कदम चूमेगी।